अक्सर
रात को
मैँ शहर मेँ घूमता हूँ
काली, पसरी और
गढ्रढेदार सड़क
देखकर
मुझे अहसास होता है
किसी बंधुआ मजदूर का
जो दिनभर की थकन
उतारने के लिए
पसर गया हो
और
मालिक की तरह
भौंकते हुए कुत्ते
उसकी नीँद मेँ
खलल डाल रहे होँ
सड़क के दोनोँ ओर
फुटपाथ पर
बच्चोँ को सोया देख
मुझे याद आता है
बच्चे भगवान होते हैँ
मैँ सोचता हूं
भगवान का स्थान
क्या फुटपाथ पर होता है
रात को
मैँ शहर मेँ घूमता हूँ
काली, पसरी और
गढ्रढेदार सड़क
देखकर
मुझे अहसास होता है
किसी बंधुआ मजदूर का
जो दिनभर की थकन
उतारने के लिए
पसर गया हो
और
मालिक की तरह
भौंकते हुए कुत्ते
उसकी नीँद मेँ
खलल डाल रहे होँ
सड़क के दोनोँ ओर
फुटपाथ पर
बच्चोँ को सोया देख
मुझे याद आता है
बच्चे भगवान होते हैँ
मैँ सोचता हूं
भगवान का स्थान
क्या फुटपाथ पर होता है