Monday 29 October 2012

वाड्रा हो गए मालामाल

वाड्रा हो गए मालामाल


सब गोलमाल है गोलमाल।
कैसे सुनाएं देश का हाल।।

हर किसी के मन में भइया ।
उठ रहा है एक सवाल ।।

तीन साल में रॉबर्ट वाड्रा ।
कैसे हो गए मालामाल ।।

किसमें हिम्मत, जो जांच करे।
सत्ता बन गई है उनकी ढाल।।

चुप क्यों हो, कुछ तो बोलो।
पूछ रहे हैं केजरीवाल ।।

असर नहीं होगा हम पर ।
कितनी कर लो तुम हड़ताल।।

हम तो हो गए घड़े चिकने ।
मोटी हो गई अपनी खाल ।।

कुर्सी मिलते ही बदले रंग।
बदल गई है उनकी चाल।।

सत्ता का स्वाद चखने को ।
टपक रही है सबकी राल।।

मत पालो इन जोंको को ।
चूसेंगी खून ये पांच साल।।

बज रहा बिगुल बगावत का ।
देखो,अब जलने लगी मशाल ।।

गेहूं सड़ रहा बोरों में बंद ।
घर में पड़ रहा है अकाल।।

क्यों भर रहे इतनी दौलत ।
जब इक दिन आना है काल।।

एक शेर और

किसानोँ की जमीन और पानी का ।
गडकरी जी कर रहे हैँ इस्तेमाल ।।


डा. मनोज रस्तोगी
8 जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद-244001
उत्तर प्रदेश